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اين کتاب به زندگينامه و شخصيت علمي شيخ مفيد متوفي |
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به سال 413 هجري و رابطه او با |
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امام مهدي (ع) پرداخته است. انگيزه مؤلف، بيان |
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ثمرات علمي و خدمات ديني شيخ مفيد و |
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اثبات ارتباط وي با امام زمان (ع) است. کتاب با روش |
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تاريخي و تحليلي و با استفاده |
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از منابع شيعي و سني نگارش يافته است. نويسنده در |
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آغاز، داوري علماي شيعه و سني در |
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باره او را مي آورد و شاگردان وي مانند شيخ طوسي، |
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سيد مرتضي و سيد رضي را معرفي |
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مي کند. سپس حوادث سياسي اواسط قرن چهارم را که |
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منجر به تبعيد شيخ مفيد از بغداد |
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شد، مطرح مي کند و بالاخره مجالس بحث شيخ مفيد و |
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مجالس حديث خواني او را که به |
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تأليف کتاب امالي انجاميد و نيز مکاتبات امام زمان |
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با وي را ارائه مي دهد. |
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اين کتاب به زندگينامه و شخصيت علمي شيخ مفيد متوفي |
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به سال 413 هجري و رابطه او با |
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امام مهدي (ع) پرداخته است. انگيزه مؤلف، بيان |
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ثمرات علمي و خدمات ديني شيخ مفيد و |
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اثبات ارتباط وي با امام زمان (ع) است. کتاب با روش |
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تاريخي و تحليلي و با استفاده |
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از منابع شيعي و سني نگارش يافته است. نويسنده در |
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آغاز، داوري علماي شيعه و سني در |
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باره او را مي آورد و شاگردان وي مانند شيخ طوسي، |
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سيد مرتضي و سيد رضي را معرفي |
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مي کند. سپس حوادث سياسي اواسط قرن چهارم را که |
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منجر به تبعيد شيخ مفيد از بغداد |
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شد، مطرح مي کند و بالاخره مجالس بحث شيخ مفيد و |
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مجالس حديث خواني او را که به |
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تأليف کتاب امالي انجاميد و نيز مکاتبات امام زمان |
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با وي را ارائه مي دهد. |
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